एग्रीमेंट का कानूनी मतलब

Agreement in hindi | Money Lending agreement

एग्रीमेंट का कानूनी मतलब:एग्रीमेंट का कानूनी मतलब

एग्रीमेंट का मतलब कानूनी भाषा में किसी ऐसे समझौते या दस्तावेज से हैं जिसमें किन्ही शर्तों पर दो पक्षकार सहमत होते हैं | एग्रीमेंट को कानूनी भाषा में करार कहते हैं | यदि एग्रीमेंट विधि पूर्ण दस्तावेज निष्पादन की दशा में लिखा गया है तो न्यायालय के माध्यम से उसे लागू कराया जा सकता है और पक्षकारों के ऊपर यह कानून की दृष्टि से बाध्यकारी प्रभाव रखता है |

पैसे उधार देने का एग्रीमेंट :

पैसे उधार देने का एग्रीमेंट केवल बैंक या रिजर्व बैंक से मान्यता प्राप्त गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियां ही कर सकती है जिन्हें एनबीएफसी (NBFC ) कहा जाता है मनी लेंडिंग का बिजनेस करने के लिए अर्थात धन उधार देने का बिजनेस बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों द्वारा ही किया जा सकता है साथ ही धन उधार देने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा वित्तीय संस्थान के रूप में मान्यता प्राप्त होना बहुत जरूरी है और कानून में आवश्यक है क्योंकि भारत में सेठ साहूकारी प्रथा खत्म हो चुकी है क्योंकि ब्याज की दर तय नहीं होने के कारण लोगों का ऐतिहासिक रूप से बहुत शोषण हुआ है इसीलिए आजादी के पश्चात भारत देश में साहूकारी प्रथा को खत्म कर दिया गया और धन के लेनदेन का कार्य कानून के तहत बैंकों और एनबीएफसी को सौंप दिया गया जिस पर रिजर्व बैंक की पूरी निगरानी रहती है इसलिए पैसे उधार देने का एग्रीमेंट व्यक्तिगत रूप से गैरकानूनी है| किंतु यदि आप किसी को पैसे उधार देने का व्यवसाय नहीं करते हैं और बिना ब्याज के किसी की मदद हेतु रुपये उधार दिए हैं तो प्रॉमिससरी नोट और सम्यक रूप से मुद्रांकित स्टांप पर एग्रीमेंट करके उधार दिया जा सकता है किंतु इसे व्यवसाय के रूप में नहीं किया जा सकता है | जितने समय के लिए धन उधार दिया गया है उसके पश्चात वाद बाबत धन वसूली अर्थात मनी रिकवरी का सिविल सूट दीवानी न्यायालय में लाया जा सकता है |

11 महीने का रेंट एग्रीमेंट स्टांप पेपर वैल्यू :11 महीने का रेंट एग्रीमेंट स्टांप पेपर वैल्यू

11 महीने का रेंट एग्रीमेंट 500 रुपए के स्टांप पर लिखा जाता है हालांकि स्टैंप ड्यूटी में समय-समय पर वृद्धि एवं कमी होती रहती है इसलिए पंजीयन और मुद्रांक विभाग से जिस राज्य के आप निवासी हैं वहां से वर्तमान में प्रचलित स्टैंप ड्यूटी की दर का पता करके उचित राशि के स्टांप पर ही रेंट एग्रीमेंट का निष्पादन करना चाहिए | 11 महीने से अधिक रेंट एग्रीमेंट को कानूनी रूप से रजिस्टर्ड करवाना आवश्यक होता है |

जमीन का एग्रीमेंट कैसे कैंसिल होता है :जमीन का एग्रीमेंट कैसे कैंसिल होता है

यदि जमीन के एग्रीमेंट की शर्तों में निरस्त करने का प्रावधान लिखा हुआ है तभी उन शर्तों की पालना नहीं होने पर वह निरस्त हो सकता है | जिस पक्ष के साथ अन्याय हुआ है वह एक कानूनी नोटिस भेज कर कानूनी प्रक्रिया चालू कर सकता है और न्यायालय के माध्यम से राहत प्राप्त कर सकता है | न्यायालय दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात यदि जरूरी समझे तब जमीन का एग्रीमेंट कैंसिल करने का आदेश दे सकता है | यदि एग्रीमेंट धोखे से कपट से या बेईमानी से किया गया हो तो उसको कैंसिल करने के लिए अच्छे कानूनी आधार मौजूद होते हैं | जमीन का एग्रीमेंट कैंसिल करने के लिए न्यायालय की शरण लेने वाले पक्ष को यह साबित करना पड़ता है कि जमीन का एग्रीमेंट कैंसिल क्यों किया जाना चाहिए क्योंकि साक्षी विधि का यही नियम है किअपने दावे के समर्थन में दस्तावेज और साक्षी होने चाहिए सबूत के माध्यम से मामला साबित होने पर ही सिविल न्यायालय से अनुतोष प्राप्त हो सकता है|

जमीन का एग्रीमेंट कितने दिन का होता है :

कोई भी एग्रीमेंट उतनी अवधि के लिए ही वैलिड रहता है जितनी अवधि के बारे में एग्रीमेंट में वर्णित है उस परिसीमा काल के गुजर जाने के बाद वह एग्रीमेंट प्रभावहीन हो जाता है | किंतु यदि कोई एग्रीमेंट विशिष्ट उद्देश्य को ध्यान में रखकर बनाया गया है और एग्रीमेंट में परिसीमा काल के बारे में वर्णन नहीं है तो कानून के अन्य प्रावधान लागू होंगे , इस संबंध में विस्तृत और सटीक जानकारी हेतु कानूनी परामर्शदाता से संपर्क किया जा सकता है |

रजिस्टर्ड एग्रीमेंट क्या है :

रजिस्टर्ड एग्रीमेंट उस एग्रीमेंट को कहा जाता है जिसे कानून के प्रावधान के अनुसार रजिस्ट्रीकृत किया जाना जरूरी हो या उसको पहले से ही नियमानुसार रजिस्टर्ड कर लिया गया हो, रजिस्टर्ड एग्रीमेंट साक्ष्य अधिनियम की धारा 74 के तहत लोक दस्तावेज की श्रेणी में आ जाता है | रजिस्टर्ड एग्रीमेंट को ज्यादा प्रामाणिक माना जाता है |

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