इस आर्टिकल में NGO से संबंधित जन सामान्य के मन में उठने वाले प्रश्नों का सरल कानूनी भाषा में उत्तर दिया गया है आशा है पाठकों के लिए यह उपयोगी सिद्ध होगा |
मैं एनजीओ का हिस्सा कैसे बन सकता हूं ?
यदि आप पहले से ही कार्यरत किसी एनजीओ का हिस्सा बनना चाहते हैं तो आप एनजीओ के कार्यालय में जाकर संपर्क कर सकते हैं और उसकी गतिविधियों की जानकारी ले सकते हैं साथ ही जो एनजीओ का प्रबंधन संभालते हैं उन पदाधिकारीयों से मिलकर NGO से जुड़ने की रुचि के बारे में उनको अवगत करा सकते हैं और उनसे अनुरोध कर सकते हैं कि आपकी रुचि से संबंधित यदि कोई कार्य NGO करता हो तो तो आपको कार्य करने का मौका दिया जावे | इसके अतिरिक्त लिखित में एक प्रार्थना पत्र देखकर अपनी रुचि के विषय, कार्य क्षेत्र और उपलब्धियां की जानकारी देते हुए एनजीओ में जोड़ने का अनुरोध कर सकते हैं यदि एनजीओ के पदाधिकारीसमीक्षा के पश्चात आपके आवेदन को सही पाते हैं तो वे आपकी सेवाएं प्राप्त करने के लिए अनुरोध कर सकते हैं अपने प्रार्थना पत्र में यह जरूर लिखें कि आप एनजीओ में नौकरी चाहते हैं या वॉलिंटियर / स्वयंसेवक के रूप में जुड़ना चाहते हैं | किसी एनजीओ का हिस्सा बनने का एक तरीका यह हो सकता है कि आप NGO की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं सामान्यतः प्रत्येक प्रतिष्ठित एनजीओ की एक वेबसाइट होती है वेबसाइट पर “ Career section “ पर जाकर आवेदन कर सकते हैं अथवा वालंटियर के रूप में जुड़ने के लिए “join us as a volunteer” सेक्शन पर जाकर भी आवेदन कर सकते हैं अथवा “contact us “ सेक्शन पर जाकर प्रार्थना पत्र के साथ अपना रिज्यूम या आवेदन भेज सकते हैं | इसके अतिरिक्त यदि आप स्वयं के स्तर पर NGO चालू करना चाहते हैं तो समान उद्देश्य वाले लोगों के साथ मिलकर जिस राज्य क्षेत्र में आप कार्य करना चाहते हैं वहां के संस्था या ट्रस्ट रजिस्टर के ऑफिस में जाकर संस्थान और ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन करवा के नियमानुसार कार्य प्रारम्भ कर सकते हैं और एनजीओ का हिस्सा बन सकते हैं | यदि आपको कानूनी जानकारी नहीं है कि NGO कैसे बनाया जाए तो आप इस संबंध में किसी अधिवक्ता या कानूनी सलाहकार से संपर्क कर सकते हैं और एनजीओ बनाने की अपनी कार्ययोजना को लक्ष्य के रूप में व्यावहारिक तौर पर हासिल कर सकते हैं |
मैं भारत में अपने धार्मिक संगठन को कैसे पंजीकृत कर सकता हूं ?
भारत में आप धार्मिक संगठन को ट्रस्ट के रूप में पंजीकरण करवा सकते हैं इसके लिए आप जिस राज्य के निवासी हैं वहां के संबंधित देवस्थान विभाग के सरकारी ऑफिस में जाकर अपने धार्मिक संगठन की विधान नियमावली पेश करके धार्मिक संगठन को पंजीकृत करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर सकते हैं | यदि आप यह नहीं जानते हैं कि विधान नियमावली कैसे बनाई जाए तो इस हेतु अपनी पसंद के कानूनी सलाहकार या अधिवक्ता की सेवाएं ले सकते हैं | किसी भी धार्मिक संगठन के उद्देश्य भारत में प्रचलित किसी कानून के विरुद्ध नहीं होने चाहिए और भारतीय संविधान के अनुरूप होने चाहिए | इसके अलावा धार्मिक संगठन चलाने वाले व्यक्तियों की उम्र भारतीय वयस्कता अधिनियम 1875 के मुताबिक 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए | यदि धार्मिक संगठन के साथ किसी प्रकार की संपत्ति जुड़ी हुई है तो उसके स्वामित्व से संबंधित दस्तावेज अनिवार्य रूप से ट्रस्ट डीड के साथ में संलग्न किए जाने चाहिए | राज्य का देवस्थान विभाग कानून के अनुसार प्रक्रिया अपना कर धार्मिक संगठन का पंजीकरण कर सकता है |
एनजीओ में क्या क्या काम कर सकते हैं ?
एनजीओ के उद्देश्य के अनुसार प्रत्येक एनजीओ का कार्य भिन्न होता है किंतु सामान्यतया NGO शिक्षा, चिकित्सा, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, मृदा संरक्षण, सामाजिक भेदभाव के रोकथाम ,गरीबी उन्मूलन महामारियों से बचाव और जागरूकता, महिला सशक्तिकरण,समाज के कमजोर वर्गों और बच्चों के कल्याण के लिए अपनी पसंद के विषय पर सामाजिक कार्य करते है | सर्वप्रथम अपनी पसंद के विषय का चुनाव करें और उस संबंध में कार्य करने वाले एनजीओ की तलाश करें उसके पश्चात ऐसे एनजीओ के साथ जुड़कर के सामाजिक कार्य किए जा सकते हैं |
एनजीओ के मुख्य उद्देश्य क्या होते है ?
प्रत्येक एनजीओ के उद्देश्य अलग-अलग हो सकते हैं किंतु सभी एनजीओ का उद्देश्य निस्वार्थ भाव से कार्य करना, बिना लाभ के मानव कल्याण का, जीव जंतु एवं पर्यावरण के लिए कार्य करना प्रमुख लक्ष्य होता है | यह कार्यों की एक संक्षिप्त रूपरेखा मात्र है , उद्देश्यों का विस्तार आवश्यकता अनुसार किया जा सकता है और उन्हें विधान नियमावली में शामिल करके सभी या किसी एक उद्देश्य पर कार्य प्रारंभ किया जा सकता है | एनजीओ का कोई भी उद्देश्य भारत में प्रचलित किसी कानून के खिलाफ नहीं होना चाहिए अन्यथा वह अमान्य और गैर कानूनी होगा |
क्या हमें एनजीओ में काम करने के लिए पैसे मिलते हैं?
यदि आप एनजीओ में नौकरी करते हैं तो पद के लिए पूर्व निर्धारित वेतनमान, आवेदन करने के समय या साक्षात्कार के समय आपको बताया जाता है यदि आप एक स्वयंसेवक या वालंटियर के रूप में एनजीओ में सेवाएं देना चाहते हैं तो हो सकता है कि आपको कुछ प्रतिष्ठित NGO कुछ सांकेतिक भुगतान करें और ऐसा भी हो सकता है कि वालंटियर के रूप में आपको निशुल्क सेवाएं देनी पड़े, इस हेतु बेहतर यही होगा कि NGO से जुड़ने से पूर्व ही आप इस संबंध में एनजीओ के कार्यालय से विस्तार से जानकारी प्राप्त कर ले ताकि किसी भी प्रकार के विवादों से बचा जा सके |
एनजीओ में सैलरी कितनी होती है ?
किसी अन्य क्षेत्र की भांति ही एनजीओ में भी व्यक्ति की योग्यता एवं अनुभव अनुसार सैलरी मिलती है भारत में सामान्यतः 20 से 25 हज़ार रुपए प्रति माह से लेकर 1 से 2 लाख प्रति माह तक की सैलरी भी NGO प्रदान करते हैं | प्रत्येक एनजीओ का इस बारे में अलग मानदंड, अलग बजट और अलग दृष्टिकोण रहता है उसके अनुसार सैलरी कम या ज्यादा हो सकती है | सैलरी देते समय कानून द्वारा निर्धारित न्यूनतम आवश्यकताओं का ध्यान भी रखा जाता है |
महिला एनजीओ क्या है ?
महिला एनजीओ सामान्यतः महिलाओं द्वारा चलाए जाते हैं या फिर ऐसे व्यक्तियों द्वारा चलाए जाते हैं जो महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्य करना चाहते हैं अथवा जो NGO महिलाओं से संबंधित मुद्दों या समस्याओं पर सामाजिक कार्य करते हैं महिला एनजीओ कहलाते हैं | महिलाओं के लिए क्षमता निर्माण, महिलाओं के प्रति अपराधों की रोकथाम की दिशा में कार्य करना,महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना, कमजोर वर्ग की महिलाओं के हक के लिए आवाज उठाना , महिलाओं को सरकारी योजनाओं की जानकारी देना इत्यादि सभी कार्य महिला एनजीओ द्वारा किया जाते हैं |
भारत का सबसे बड़ा एनजीओ कौन सा है ?
इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी उपलब्ध नहीं है अपने कार्य क्षेत्र विस्तार और बजट के हिसाब से तथा जन सहभागिता के हिसाब से कई प्रतिष्ठित NGO भारत में वृहद स्तर पर कार्य कर रहे हैं |
एनजीओ का असली नाम क्या है ?
एनजीओ का पूरा नाम गैर सरकारी संगठन होता है जिसे अंग्रेजी में नॉन गवर्नमेंटल ऑर्गेनाइजेशन तथा संक्षेप में NGO कहा जाता है यह प्रमुख तौर पर सामाजिक कल्याण के कार्य करते हैं
एनजीओ अच्छा है या बुरा ?
NGO या गैर सरकारी संगठन लाभ कमाने के लिए कार्य नहीं करते अपितु मानव कल्याण के लिए कार्य करते हैं इस आधार पर एनजीओ अच्छे माने जा सकते हैं क्योंकि वह समाज को बेहतर बनाने के लिए कार्य करते हैं और कमजोर वर्गों की मदद करते हैं यदि NGO अपने उद्देश्य से भटक गए हैं कार्यों में पारदर्शिता नहीं है और किसी न्यायालय द्वारा किसी अपराध के लिए दोष सिद्ध किए गए हैं तो ऐसे एनजीओ की प्रतिष्ठा धूमिल हो जाती है और जनता के बीच में अपनी लोकप्रियता खो देते हैं | संक्षेप में यह कहा जा सकता है कि एनजीओ द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर ही यह तय किया जा सकता है कि जनता के बीच उसकी कितनी प्रतिष्ठा है | प्रतिष्ठा अच्छा और कानून अनुसार कार्य करने से हासिल होती है |
क्या एनजीओ का अनुभव गिना जाता है?
जी हां, यदि किसी एनजीओ में यदि आपने कार्य किया है तो उस कार्य अनुभव को आप अपने बायोडाटा में जोड़ सकते हैं इसका लाभ आपको करियर में नए अवसरों को प्राप्त करने के तौर पर हो सकता है | किंतु एनजीओ का पंजीकरण कानून के अनुसार अवश्य होना चाहिए |
एनजीओ का नाम क्या होना चाहिए ?
एनजीओ का नाम ऐसा होना चाहिए जो एनजीओ के उद्देश्यों को प्रदर्शित करता हो, जो पूर्व में रखे गए किसी एनजीओ के नाम से मिलता जुलता नहीं हो और जन सामान्य में भ्रम पैदा नहीं करता हो इसके अतिरिक्त The Emblems And Names (Preventation Of Improper Use) Act, 1950 कानून के अन्तर्गत निषिद्ध किए गए नाम का प्रयोग भारत सरकार की पूर्व अनुमति के नहीं किया जा सकता है | इस कानून में कुछ प्रतिष्ठित नाम दिए गए हैं जिनका प्रयोग नहीं किया जा सकता है | इस कानून का उपयोग नाम के अनुचित प्रयोग को रोकना है |
एफसीआरए(FCRA) का अर्थ क्या है ?
यह एक संक्षिप्ताक्षर (शॉर्ट फॉर्म) है जो की विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (Foreign Contribution (Regulation) Act – FCRA) कानून के संबोधन के लिए उपयोग किया जाता है | यह भारत की संसद द्वारा बनाया गया एक कानून है जो गैर सरकारी संगठनों के, भारतीय नागरिकों के,और राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त किए जाने वाले विदेशी अंशदान को या विदेशी चंदे अथवा दान को विनियमित करने के लिए लागू किया गया था और वर्तमान में भी प्रभावी है | विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन नियम, 2022 (एफसीआरए नियम 2022) के नए नियमों के तहत ही विदेशी अंशदान किसी गैर सरकारी संगठन या नागरिक या राजनीतिक दल द्वारा प्राप्त किया जा सकता है | विदेशी अंशदान को विनियमित करने के लिए मूल अधिनियम विदेशी अभिदाय (विनियमन) अधिनियम, 2010 एक प्रभावी कानून है |
एफसीआरए की आवश्यकता क्यों है ?
क्योंकि भारत एक संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न, लोकतंत्रात्मक, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष गणराज्य है और भारत की पार्लियामेंट भारतीय संविधान के अनुसार भारत देश के लिए आवश्यक किसी भी कानून को बनाने के लिए पूर्णतः सक्षम है और देश की एकता अखंडता और संप्रभुता को सुनिश्चित करने तथा देश की आंतरिक सुरक्षा से संबंधित खतरों से निपटने के लिए विदेशी अंशदान को विनियमित करने का अथवा रेगुलेट करने का यह कानून लाया गया ताकि विदेशों से प्राप्त होने वाले अंशदान में पारदर्शिता रहे और भारत देश के हितों के विरुद्ध उसका इस्तेमाल नहीं किया जा सके | विदेश से प्राप्त होने वाले अनुदान का कानून सम्मत उपयोग करना इस अधिनियम का प्रमुख लक्ष्य है |
एफसीआरए (FCRA) रजिस्ट्रेशन में कितना समय लगता है ?
इसके लिए कोई सटीक निर्धारित समय सीमा नहीं है, सामान्यतया आवेदन पत्र जमा करने के बाद 3 से 6 महीने के भीतर इसे जारी किया जाता है । निर्धारित दस्तावेजों के साथ आवेदन करने पर कानून अनुसार दस्तावेजों की सत्यता की उचित जांच पड़ताल की जाती है उसके पश्चात ही एफसीआरए का रजिस्ट्रेशन प्राप्त होता है | एफसीआई रजिस्ट्रेशन के लिए कड़े मानदंड अपनाए गए हैं ताकि पात्र व्यक्ति और संस्थाओं को ही इसका फायदा प्राप्त हो |
एफसीआरए का नवीनीकरण नहीं होने पर क्या होता है ?
एफसीआरए का नवीनीकरण नहीं होने पर संबंधित संस्थान या आवेदनकर्ता के FCRA से संबंधित बैंक खाते फ्रीज कर दिए जाते हैं और उनसे संबंधित धन की निकासी नहीं हो पाती है | एफसीआरए का नवीनीकरण नहीं होने पर संबंधित व्यक्ति, राजनीतिक दल या संस्थान तत्काल प्रभाव से विदेश से प्राप्त होने वाले धन को प्राप्त करने से रोक दिया जाता है और भविष्य में कोई भी फंड बिना FCRA विदेश से प्राप्त नहीं कर पाते हैं | संक्षेप में कहां जाए तो एफसीआरए सर्टिफिकेट से मिलने वाली समस्त सुविधाएं नवीनीकरण नहीं होने पर समाप्त हो जाती है |
क्या एफसीआरए कंपनियों पर लागू होता है ?
इसको कुछ इस तरह से समझा जा सकता है कि FCRA उन सभी संघों, समूहों,नागरिकों ,राजनैतिक दलों और गैर-सरकारी संगठनों (NGO) पर लागू होता है जो विदेशी दान प्राप्त करना चाहते हैं |
एफसीआरए फॉर्म कैसे भरें ?
एफसीआरए फॉर्म भरने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन कर के ऑनलाइन भरा जा सकता है |आवेदन पत्र में मांगी गई जानकारी नाम, पते, पहचान एवं पूर्व में किए गए कार्यों का विवरण तथा ऑडिट रिपोर्ट और NGO रजिस्ट्रेशन से संबंधित संपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत आवश्यक रूप से होती है | फॉर्म भरते समय इस संबंध में गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी किए गए नवीनतम दिशा निर्देशों का पालन करें और अपेक्षित जानकारी का सही विवरण देते हुए आवेदन किया जा सकता है |
मैं अपना एफसीआरए पंजीकरण कैसे सरेंडर करूं?
गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देश एवं नियमों के तहत FC-7. (Application for surrender of certificate) फॉर्म भर के मांगी गई जानकारी प्रदान करके भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा संचालित आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन कर के आवेदन किया जा सकता है आवेदन पर उचित निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा प्रत्येक मामले की परिस्थितियों और तथ्यों को विचार करते हुए कानून अनुसार लिया जाता है |